बाल सेवा : 

मानव सेवा संघ की विभिन्न सेवा प्रवृतियों में बाल सेवा का अपना एक विशिष्ट स्थान है | इस सेवा प्रकल्प को मूर्त रूप देने के लिए वर्ष 1980 में स्वामी शरणानन्दजी की प्रिय शिष्या दिव्य ज्योति देवकी माता जी के कर कमलो से प्रेम निकेतन उच्च माध्यमिक विद्यालय की स्थापना की गई थी |

“ज्ञानार्थ प्रवेश और सेवार्थ प्रस्थान ” के ध्येय वाक्य को सामने रखते हुए शनै : शनै: इस विद्यालय का क्रमिक विस्तार होता चला गया | आज यह उच्च माध्यमिक स्तर का विद्यालय है जंहा 500 छात्र – छात्राऐं अध्ययन कर रहे है तथा तीनो संकायों (कला , वाणिज्य व विज्ञान) में शिक्षण कार्य हो रहा है| नि:सन्देह इस प्रगति में आप सभी की उदारता , सहयोग और सद्भावना छिपी हुयी है, जो हमे निरन्तर प्रेरणा देती रहती है और इसी के फलस्वरूप जयपुर शहर में इस विद्यालय का एक  गौरवपूर्ण स्थान है |

विद्यालय के आकर्षण :

  • शैक्षणिक मापदंडो के अनुसार बना हुआ तीन मंजिला विद्यालय भवन |
  • सह शैक्षणिक गतिविधियों के लिए रंगमंच तथा प्रार्थना स्थल |
  • लगभग 5000 पुस्तकों सहित वृहत पुस्तकालय है जहां एक बार में 50 विद्यार्थी ज्ञानाजर्न कर सकते है |

 

  • कुपोषण से बचाने के लिए  शुद्ध , ताजा और पौष्टिक मिड-डे  मील की व्यवस्था |
  • आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित दो कम्प्यूटर प्रयोगशालाएँ |
  • भौतिक , जीव विज्ञान व भूगोल की  प्रयोगशालाएँ |
  • निर्धन व होनहार छात्रों को दानदाताओ द्वारा छात्रवृति |
  • मनोरंजन व शारीरिक विकास के लिए विशाल खेल का मैदान |
  • ऑडियो-वीडियो द्वारा शिक्षण कार्य |
  •  कमजोर छात्र छात्राओं के शिक्षण की विशेष व्यवस्था |
  • बालबाड़ी कक्षाओं के लिए शिक्षण हेतु विशेष प्रकार के खिलौने |
  • योग्य व अनुभवी अध्यापको द्वारा प्रशिक्षण |
  • वाटर कूलर द्वारा शुद्ध व शीतल पेयजल व्यवस्था |
  • सत्र में दो बार मेडिकल चेकअप  की  व्यवस्था |
  • सत्र में एक बार शैक्षणिक भ्रमण |
  • विद्यालय में अध्ययनरत प्रत्येक छात्र छात्रा को अतिरिक्त प्रवृतियों में भाग लेना अनिवार्य |
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